शनिवार, १३ सप्टेंबर, २०१४

कटे हुवे डैनें...

कटे हुवे डैनें
फडफडाते है
कटने के बाद भी
उड़ने की उम्मीद से.

उनकी फडफडाहट
गूंजती रहती है
कहती है
पैरोंके कानोंमे.

अरे...
आकाश नहीं
तो ना सही
जमीनी रास्ते तो

आजभी कई है...

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